वित्तीय कुशलता के दस चरण

अपनी वित्तीय स्थिति को अपने नियंत्रण में रखने के लिए कुछ सुझाव.

प्रमुख निष्कर्ष

  • बजट तैयार करें और खर्च समायोजित करने के तरीके ढूँढ़ें.
  • उन संसाधनों के बारे में जानें जो संकट के समय आपके काम आ सकें.
  • सबसे पहले अपने सर्वाधिक ब्याज वाले कर्ज चुकाएँ और जहाँ संभव हो, कम ब्याज दरों का पता लगाएँ.
  • आपात स्थितियों और अनियोजित खर्चों के लिए बचत करें (3 से 6 माह का खर्च).
  • अपनी बचत और सेवानिवृत्ति सम्बन्धी ज़रूरतें समझें और तदनुसार निवेश करें.
  • ज़मीन-जायदाद की योजना, वसीयत और बीमा की मदद से अपनी और अपने परिवार का संरक्षण करें.
  • नियमित रूप से (कम से कम हर वर्ष) अपनी वित्तीय कुशलता की पूरी समीक्षा करें.

 

जीवन के किसी भी चरण में, वित्तीय कुशलता का मतलब, अधिकाधिक बचत करना, कर्ज कम करना, अनहोनी के लिए तैयार रहना और अपने भविष्य के लिए योजना बनाना है. इस वर्ष अपने वित्त का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के लिए यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं. इस अभ्यास को नियमित रूप से - कम से कम वर्ष में एक बार - दोहराने की योजना बनाएँ.
 

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बजट बनाना

बजट बनाने का काम डरावना या भारी नहीं होना चाहिए; इसकी जगह आप बचत और खर्च के लिए सरल दृष्टिकोण तैयार कर सकते हैं. अपनी सेवानिवृत्ति के लिए पर्याप्त बचत सुनिश्चित करते हुए अल्पकालिक बचत के साथ ज़रूरी खर्च को संतुलित करने के लिए निम्नलिखित सुझााव प्रयोग में लाएँ.

1. आपकी कमाई और खर्च कितना है, यह जानें और बजट तैयार करें.. उसके बाद, आप कमाई और खर्च में ताल-मेल के साथ निर्णय ले सकते हैं और अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपना बजट समायोजित करने के तरीके ढूँढ़ सकते हैं. अपने ज़रूरी खर्च (आवास, किराने का सामान, इत्यादि), विवेकाधीन खर्च (रेस्तराँ, सब्सक्रिप्शन सेवाएँ, इत्यादि), कर्ज (क्रेडिट कार्ड बैलेंस, ऋण, इत्यादि) और बचत लक्ष्यों की सूची बनाएँ.

2. 50/10+/5 दिशानिर्देश का पालन करें. . आम तौर पर, ज़रूरी खर्चों को अपने हाथ में आने वाली आय के ज़्यादा से ज़्यादा 50% तक सीमित रखने पर विचार करें, अपनी टैक्स-पूर्व आय के कम से कम 10% हिस्से को सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने का लक्ष्य रखें (जिसमें नियोक्ता का योगदान भी शामिल है) और मकान या कार की मरम्मत जैसे अप्रत्याशित खर्च के लिए अल्पकालिक बचत के तौर पर, अपनी हाथ में आने वाली कमाई का 5% बचत करने का लक्ष्य रखें. अपनी सेवानिवृत्ति सम्बन्धी ज़रूरतें समझें और अपनी शेष आय का कुछ हिस्सा, उसी हिसाब से संभालकर रखने की कोशिश करें (अतिरिक्त सुझाव के लिए नीचे "बचत" खंड देखें).

3. संकट में आपके काम आने वाले संसाधनों के बारे में जानें. . प्राकृतिक आपदा, महामारी, आपातकालीन खर्च और नौकरी छूटने जैसी घटनाओं का आपके वित्त पर बहुत बड़ा और नुकसानदायक प्रभाव पड़ सकता है. वित्तीय परेशानियों और चिंताओं को कम करने के लिए बेरोजगारी सहायता, आपदा राहत कार्यक्रम और आपातकालीन अनुदान, सेवानिवृत्ति योजना ऋण / प्रतिकूल परिस्थितियों की निकासियाँ और सरकारी प्रेरणा सहायता या प्रोत्साहन जैसे कार्यक्रमों से मदद मिल सकती है. मदद माँगें और तलाश करें कि आपके लिए किस तरह की सहायता उपलब्ध है

ऋण प्रबंधन

कर्ज से छुटकारा पाना मुश्किल लेकिन फ़ायदेमंद हो सकता है; पिछले खर्च पर ब्याज के रूप में दिए जाने वाले पैसे को आप अपने भविष्य के लिए बचाकर रख सकते हैं. कर्ज को प्राथमिकता देने और उसे जल्‍द चुकाने में आपकी मदद के लिए यहाँ कुछ उपाय बताए गए हैं.

4. कम ब्याज दरों का पता लग्गाएँ. . आप अपने ऋण के लिए पुनर्वित्त पा सकते हैं या अपने क्रेडिट कार्ड बैलेंस को कम ब्याज दरों वाले उत्पादों में ट्रांसफर कर सकते हैं, जो कभी-कभी प्रचार अवधि के दौरान 0% ब्याज पर भी मिल जाते हैं. खुद हिसाब लगाएँ या मदद लेंं - अपने सभी कर्ज और बकाया रक़म, मासिक भुगतान और ब्याज दरों की सूची बनाएँ. उसके बाद आप सर्वाधिक मूल्य और सर्वाधिक ब्याज दर वाले कर्ज से शुरुआत करते हुए प्राथमिकता निर्धारित करें कि अधिकतम बचत कहाँ से करें.

5. क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन/मोबाइल ऋण पर न्यूनतम से अधिक राशि का भुगतान करेंं. . सिर्फ़ न्यूनतम राशि का भुगतान करने पर आप वर्षों तक कर्ज में डूबे रह सकते हैं और कुछ मामलों में तो कर्ज का बोझ, घटने के बजाय बढ़ भी जाता है. वैकल्पिक खर्च कम करके और 13वें माह के वेतन / वेकेशन बोनस जैसे स्रोतों से अतिरिक्त क्रेडिट कार्ड भुगतान करने की कोशिश करें.

6. आपातकाल और अनियोजित खर्चों के लिए पैसे तैयार रखें.. आपातकालीन फंड का इंतज़ाम रखने पर और कर्ज में डूबने से बचने में आपको मदद मिल सकती है. बीमारी या बड़े पैमाने पर मकान की मरम्मत जैसी आपात स्थिति, काफी दुखदायी होती है, लेकिन इसके लिए वित्तीय रूप से तैयार न रहने से स्थिति और ख़राब हो सकती है. सामान्य बढ़िया नियम है कि बचत में इतना पैसा रखें कि आपका 3 से 6 माह का जरूरी खर्च पूरा हो सके. आपातकालीन फंड में अंशदान को प्रति माह नियमित बिल की तरह देखें, जब तक कि आपके पास पर्याप्त पैसा जमा न हो जाए.

बचत

अपनी भावी इच्छाओं और ज़रूरतों के बारे में सोचें; आपको शायद अनेक लक्ष्यों के लिए बचत करनी होगी. हो सकता है आप शादी करने, मकान खरीदने और परिवार बनाने, हॉलिडे पर जाने, बच्चे की शादी करने या जल्द होने वाली सेवानिवृत्ति से संबंधित योजना बना रहे हों, या उसके बारे में सोच रहे हों. आप भले ही जीवन की किसी भी अवस्‍था में हों, आपको कितनी बचत करने की ज़रूरत है और बचत लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में काम करने से आपको सही रास्ते पर बने रहने में मदद मिल सकती है.

7. बचत करते समय अपनी जोखिम क्षमता और समय अवधि पर गौर करें.. अल्पकालिक बचत लक्ष्यों के लिए जहाँ आपको कुछ माह में पैसों की ज़रूरत पड़ सकती हो, जैसे आपातकालीन फंड, नकद रूप में बचत करना बेहतर विकल्प होगा. दीर्घकालिक बचत के लिए अन्य प्रकार के खाते और निवेश माध्यम उपलब्ध हैं, हालांकि वे थोड़े अधिक जोखिमपूर्ण हो सकते हैं. कहाँ बचत करना है, इसका फैसला करने के लिए आपको अपने बचत लक्ष्यों, समय अवधि और जोखिम क्षमता पर विचार करना चाहिए. फैसला लेने के लिए पेशेवर निवेश/वित्तीय सलाह का उपयोग करने पर विचार करें और अपने निवेशों की बार-बार समीक्षा करें.

8. आप चाहे कितने ही जवान या बूढ़े क्यों न हों, अपनी सेवानिवृत्ति के लिए निवेश करें. . हमारा अनुमान है कि अपने समाजिक सुरक्षा फायदों की भरपाई के लिए लोगों को बचत राशि से अपनी सेवानिवृत्ति-पूर्व आय का 30% से 50% हिस्सा पाने का लक्ष्य रखना पड़ सकता है. कंपनी-प्रायोजित योजनाओं जैसे किसी मौजूदा टैक्स-कुशल बचत कार्यक्रमों से फायदा उठाएँ, जिनमें हो सकता है कि आपका नियोक्ता भी योगदान करता हो. जल्द शुरू करें, लगातार बचत करना और बुद्धिमानी से निवेश करना महत्वपूर्ण है. लक्षित सेवानिवृत्ति आय की पूर्ति के लिए लोगों को टैक्स-पूर्व वेतन का 10% से अधिक बचत करना पड़ सकता है, इसलिए उस लक्ष्य तक पहुँचने के लिए आवश्यक कदम उठाएँ.

संरक्षण

बड़ी मेहनत से आपने इतना हासिल किया है, इसलिए इसे बचाकर रखना ज़रूरी है, जिसके लिए आप जीवन बीमा और एस्टेट प्लानिंग जैसे साधन इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि आपको और आपके प्रियजनों को मन की शांति मिलेे.

9. एस्टेट प्लान और वसीयत तैयार करें. अलग-अलग देशों में दस्तावेज़ और नाम भिन्न हो सकते हैं, लेकिन बुनियादी अवधारणाएँ समान हैं - इनका इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि आपने अपनी मृत्यु होने पर, आपके पास मौजूद धन-संपत्ति इत्यादि को, लिखित रूप में, किसी नामित व्यक्ति को देने की इच्छा व्यक्त की है, और आपके अक्षम होने की स्थिति में अन्य लोग आपके लिए चिकित्सा / वित्त सम्बन्धी फैसले ले सकें. दस्तावेज़ सही होने से, ज़रूरत पड़ने पर, क़ानूनी / टैक्स सम्बन्धी समस्याओं को हल करने में मदद मिल सकती है.

10. पर्याप्त जीवन बीमा, गंभीर बीमारी और विकलांगता बीमा खरीदें.. आपके परिवार में आय का साधन न रहने पर खर्च चलाने और अचानक आपका निधन होने पर अन्य वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में जीवन बीमा से आपको सहायता मिलती है. इसके अलावा, विकलांग होने की स्थिति में विकलांगता बीमा से आपको आय का अन्य साधन मिलेगा. ये सब आपको और आपके आश्रितों को संरक्षण प्रदान करते हैं.

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